देश के सभी राज्यो में विद्यालयों का संचालन अभी तक ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों ही रूप में चल रहा था।वही उत्तराखण्ड राज्य में भी आज यानी 1 अप्रैल से शैक्षणिक सत्र 2022-2023 में विद्यालय भौतिक रूप से खुल जाएंगे। कोरोना काल मे सरकारी आदेश अनुसार अभी तक निजी विद्यालयों में केवल ट्यूशन फीस जमा करने का आदेश था परन्तु अब नए सत्र में सभी निजी विद्यालय ट्यूशन फ़ीस के अलावा नियमानुसार अन्य शुल्क भी ले सकेंगे।
पूर्व में ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड़ पर पढ़ाई कराने के आदेश दिए गए थे पंरतु कोरोना में आई कमी के चलते शिक्षा विभाग ने 1 अप्रैल से समस्त निजी विद्यालयों को भौतिक रूप से खोलने व नियमानुसार पूरी फीस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं।
आदेश से पूर्व ही कुछ निजी विद्यालयों ने अपनी मनमानी करनी शुरू कर दी थी जिसमें बच्चों का स्कूल यूनिफॉर्म से लेकर उनका कोर्स तक बदल दिया।जिनमे यूनिफार्म विक्रेताओं से मोटा कमीशन तय किया जाता है जिस कारणवश अभिभावकों को मुँह मांगी रकम पर भी स्कूल की यूनिफार्म लेनी पड़ती हैं। सरकार ने आदेशों को जारी कर कुछ विद्यालयों को अपने मनसूबे पूरे करने की पूरी छूट दे दी है। जिसकी वजह से मध्यम वर्ग जिनके 1 से अधिक बच्चे या फिर गरीब परिवार के बच्चे ऐसे स्कूलों में पढ़ते है तो उन अभिभावकों के लिए बच्चो को पढ़ाना मुश्किल सा दिख रहा है। ऐसे में उत्तराखण्ड सरकार व शिक्षा विभाग ऐसे अभिभावकों को किस तरह राहत दिलाने में सहायक बनेगा ।