डेंगू से बचाव के लिए ली जाने वाली 7 सावधानियां

भारत में हर साल डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है और इनमें से कुछ की तो मृत्यु तक हो जाती है। डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला यह बुखार कभी-कभी घातक भी सिद्ध होता है। इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं, हालांकि यदि इनकी समय पर पहचान कर ली जाये तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है। अक्सर डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू या वायरल बुखार से मिलते जुलते लगते हैं, इसलिए निम्न लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान कर ली जानी चाहिए और सही पहचान के लिए तुरंत एक ब्लड टेस्ट करवा लेना चाहिए :

सामान्य रूप से देखे जाने वाले डेंगू के लक्षण:

  1. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  2. शरीर पर पड़ने वाले लाल निशान जो थोड़े समय बाद ठीक होने के बाद पुनः वापस भी आ जाते हैं
  3. तेज़ बुखार
  4. बहुत तेज़ सिर दर्द
  5. आँखों के पीछे दर्द
  6. उल्टी आना और चक्कर महसूस होना

यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तब तुरंत सलाह के लिए डॉक्टर के पास जाएँ और आवश्यक इलाज शुरू करवा दें। केवल एक अच्छा डॉक्टर ही डेंगू से बचाव के हेल्दी उपाय  के बारे में आपको बता सकता है। जैसे कहा भी कहा गया है कि उपाय की तुलना में बचाव अधिक अच्छा होता है, तो आइये देखते हैं कि कैसे डेंगू इन्फेक्शन से बचा जा सकता है और इस बीमारी से बचाव करते हुए एक हेल्दी लाइफस्टाल को जिया जा सकता है।

डेंगू से बचाव के उपाय :-

स्वच्छता में ही भगवान बसते हैं:

अपने रहने की जगह और उसके आस पास के इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं।

पानी को किसी जगह इकठ्ठा न होने दें:

किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें । गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें। मेनहोल, सेप्टिक टैंक, रुकी हुई नालियाँ और कुएं आदि जगहों को नियमित रूप से चेक करते रहें।

मच्छर मारने वाली मशीन और जाली का उपयोग :

मच्छरों से बचाव के लिए सबसे पहले तो जब भी आप घर से बाहर जाएँ मच्छर से बचाव वाली क्रीम का उपयोग करें और सोने से पहले मच्छरदानी को अच्छी तरह से सेट कर लें।

प्रारम्भिक लक्षणों को अनदेखा न करें:

यदि आप यहाँ बताए गए किसी भी लक्षण को देखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बताए गए उपचार का  निर्देशानुसार पालन करें।