*शहीद वीर हकीकत राय सन 1734 में पाकिस्तान सियालकोट में बसंत पंचमी के दिन ही मुगल शासक द्वारा उनकी हत्या की गई थी।*

*शहीद वीर हकीकत राय ने समाज में शिक्षा को बढ़ावा दिया था और सामाजिक कार्यों में उनकी लोकप्रियता अधिक थी: संजय चोपड़ा*

हरिद्वार। बसंत पंचमी पर्व पर माँ शारदा को शत-शत नमन करते हुए पंजाबी सहायक सभा के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में बेलवाला घाट पर मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना कर शहीद वीर हकीकत राय को याद करते हुए उनका शहीदी दिवस पर श्रद्धासुमन किए। शहीद वीर हकीकत राय सन 1734 में पाकिस्तान सियालकोट में बसंत पंचमी के दिन ही मुगल शासक द्वारा उनकी हत्या की गई थी। तब से पंजाबी समाज शहीद वीर हकीकत राय को याद करते हुए बसंती पंचमी के दिन उनका शहीदे बलिदान दिवस मनाता चला आ रहा है।

इस अवसर पर पंजाबी सहायक सभा के अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि शहीद वीर हकीकत राय अल्प आयु में ही समाज को नई दिशा दी थी और समाज में अंधविश्वास के खिलाफ छोटी से आयु में ही बड़े पैमाने पर जन जागरण चला रखा था। उनके इस कार्य से मुगल शासकों में बौखलहाट व घबराहट जैसा माहौल था। उनके इस जज्बे को समाप्त करने के उद्देश्य से बसंत पंचमी के दिन मुगलों ने षड़यंत्र के तहत मासूम वीर हकीकत राय की हत्या की थी। संजय चोपड़ा ने कहा कि शहीद वीर हकीकत राय ने समाज में शिक्षा को बढ़ावा दिया था और सामाजिक कार्यों में उनकी लोकप्रियता अधिक थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकारों को चाहिए कि शहीद वीर हकीकत राय की याद में स्मारक बनाकर इतिहास में शहीद हुए वीर हकीकत राय के रचनात्मक व संदेशीत कार्यों को नयी पीढ़ी स्मरण करती रही इसे दोहराना होगा। चोपड़ा ने यह भी कहा देश विदेश में पंजाबियत ने हमेशा त्याग, तपस्या, भाईचारा व संगठित रहने के प्रकाश को बढ़ावा दिया है यदि देश दुनिया में शहीद-ए-आज़म युवा वीर हकीकत राय के नाम पर भारत सरकार द्वारा कोई भी योजना युवाओ के लिए संचालित होती है तो उसका देश का पंजाबी समाज दिल खोलकर स्वागत करेगा।

वीर अमर शहीद हकीकत राय को अपने शारदा सुमन अर्पित करते हुए प्रभात चौधरी, वीरेंद्र कुमार, ओमप्रकाश कल्याण, मोहनलाल, नीरज कुमार, राधेश्याम, कुंवर सिंह, कमल शर्मा, ओम प्रकाश भाटिया, मनीष शर्मा, राधेश्याम रतूड़ी, चंदन रावत, मनोज पाल, अन्नू कश्यप आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।