*हरिद्वार * उत्तराखंड राज्य के 22 वें स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा संस्कृत सामाजिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री हरिद्वार के लोकसभा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से ऋषिकुल सभागार में पूर्व मंडी अध्यक्ष, भाजपा नेता संजय चोपड़ा के नेतृत्व में चिन्हित आंदोलनकारी मंच के पदाधिकारियों का मिला एक प्रतिनिधिमंडल चिन्हित आंदोलनकारी होने हरिद्वार के लोकसभा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से स्वर्गीय वरिष्ठ आंदोलनकारी नेता जेपी पांडेय की धर्मनगरी हरिद्वार के चौक चौराहे नाम आंदोलनकारी मंच के संस्थापक जेपी पांडेय के नाम पर रखे जाने के साथ मूर्ति अनावरण की मांग को दोहराया। आंदोलनकारी मंच के संस्थापक नेता जेपी पांडेय एक संघर्षशील व्यक्तित्व के साथ हमेशा ही उत्तराखंड राज्य में शहीद हुए आंदोलनकारियों की भावनाओं व चिन्हित आंदोलनकारियों की आरक्षण की मांग को लंबे समय तक उठाते रहे।

इस अवसर पर पूर्व मंडी अध्यक्ष, भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने कहा बड़ा ही हर्ष का विषय है उत्तराखंड राज्य को बने 22 वर्ष हो चले हैं और 23 वें वर्ष में उत्तराखंड वासी प्रवेश कर रहे हैं उत्तराखंड राज्य को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा योजनाबद्ध तरीके से नई नई योजनाएं विकसित की जा रही है वही उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के संस्थापक जेपी पांडेय की मूर्ति का अनावरण के नगर निगम चौराहे पर किया जाना न्याय पूर्ण होगा। उन्होंने कहा हरिद्वार के लोकसभा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी एक पर्वतीय पुत्र हैं और उत्तराखंड राज्य के आंदोलन में अग्रिम भूमिका में रहकर उत्तराखंड राज्य का निर्माण कराने में महारत हासिल की थी क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए पर्वतीय विकास मंत्री के रूप में उत्तराखंड राज्य की एक अलग छाप देश दुनिया में विकसित की थी चिन्हित आंदोलनकारी नेता जेपी पांडेय का भी उत्तराखंड राज्य के आंदोलन में एक लंबा संघर्ष रहा है ऐसे आंदोलनकारी नेताओं के नाम से उत्तराखंड राज्य सरकार को योजनाएं चलाई जानी चाहिए ताकि नई पीढ़ी तमाम आंदोलनकारी नेताओं किए गए संघर्ष व कार्यों को दोहराती रहे।

उत्तराखंड आंदोलनकारी नेता जेपी पांडेय की मूर्ति के साथ नगर निगम चौराहे का नाम जेपी पांडेय के नाम पर किए जाने की मांग करते चिन्हित आंदोलनकारी विजय भंडारी, विनोद डेंड्रियाल, भगवान जोशी, रविंद्र भट्ट, उमा शंकर पांडेय, राजेंद्र पाल, मनोज मंडल, पंडित मनीष शर्मा आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।