अश्वनी धीमान ( संवाददाता )
क्यों हैं इतना महत्व नारायणी शिला मंदिर का ,
नारायणी शिला मंदिर के बारे में कहा जाता है कि एक बार जब गया सुर नाम का राक्षस देवलोक से भगवान विष्णु यानि नारायण का श्रीविग्रह लेकर भागा तो भागते हुए नारायण के विग्रह का धड़ यानि मस्तक वाला हिस्सा श्रीबद्रीनाथ धाम के बह्मकपाली नाम के स्थान पर गिरा. उनके हृदय वाले कंठ से नाभि तक का हिस्सा हरिद्वार के नारायणी मंदिर में गिरा और चरण गया में गिरे, जहां नारायण के चरणों में गिरकर ही गयासुर की मौत हो गई. यानि वही उसको मोक्ष प्राप्त हुआ था. स्कंध पुराण के केदार खण्ड के अनुसार, हरिद्वार में नारायण का साक्षात हृदय स्थान होने के कारण इसका महत्व अधिक इसलिए माना जाता है, क्योंकि मां लक्ष्मी उनके हृदय में निवास करती है. इसलिए इस स्थान पर श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व माना जाता है।