हरिद्वार जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को नशे की लत लगती जा रही हैं। कुछ समय से नशे की प्रवृत्ति खतरनाक ढंग से बढ़ती जा रही हैं। कुछ युवक नशे के इतने आदि हो चुके है कि वो उसे प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक चले जाते है। इसी वजह से सामाजिक,पारिवारिक समस्याओं के साथ साथ,चोरी,छेड़छाड़ जैसे मामले सामने आते है ।
आज के समय मे गली गली शराब व नशे की अन्य सामग्री सहजता व सुगमता से मिल जाते है।आज के समय मे देशी शराब या अंग्रेजी शराब आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।जिसकी वजह से युवाओं को भटकना नही पड़ता है।
शहर के युवा बेरोजगारी के कारण से मानसिक सन्तुलन टूटने के कारण भी नशे की लत अपनाने लगे हैं।इसी वजह से आज का युवा छोटी उम्र में ही विभिन्न रोगों का शिकार होता जा रहा है ।दूसरी और सामाजिक संगठनों द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान भी असफल साबित हो रहे हैं। नशाबन्दी और उससे मुक्ति के लिए एक जागरूक अभियान चलाए जाने आवश्यकता है।चिकित्सको के अनुसार नशे की लत की वजह से आज युवा वर्ग में लीवर खराब,दृष्टिहीनता,नपुंसकता,कैंसर और भी अन्य गम्भीर रोग होते नजर आ रहे है। इसमें मुँह और फेफड़ों के कैंसर तो जान लेवा साबित हो सकता है।सरकार और पुलिस प्रशासन भी कही ना कही नशे को रोकने में नाकाम नजर आती हैं।