प्रॉपर्टी का बताया जा रहा है विवाद

प्राइवेट पार्ट्स में भी रॉड नहीं तार जैसी वस्तु थी

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद थाना नंदग्राम क्षेत्र अंतर्गत एक महिला के साथ गैंगरेप की घटना का मामला सामने आया था। जिसे पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए तमाम जांच शुरू की तो इस पूरे मामले बेहद चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। क्योंकि यह पूरा मामला फर्जी…

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद थाना नंदग्राम क्षेत्र अंतर्गत एक महिला के साथ गैंगरेप की घटना का मामला सामने आया था। जिसे पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए तमाम जांच शुरू की तो इस पूरे मामले बेहद चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। क्योंकि यह पूरा मामला फर्जी पाया गया और गैंगरेप की घटना महज प्रॉपर्टी के विवाद के चलते कथित पीड़ित महिला व उसके अन्य तीन साथियों के द्वारा रची गई थी। फिलहाल पुलिस ने इस पूरे मामले में महिला के मित्र व उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया है इस पूरे मामले का खुलासा आईजी मेरठ रेंज प्रवीण कुमार ने प्रेस वार्ता में किया।

 

 

 

 

कथित पीड़िता ने ज़ीटीबी अस्पताल में इलाज कराने की जताई इच्छा
मामले का खुलासा करते हुए आईजी मेरठ प्रवीण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना नंदग्राम क्षेत्र अंतर्गत दिल्ली की रहने वाली एक महिला को अगवा कर उसके साथ 5 लोगों के द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने और उसके गुप्तांग में रॉड डालने का मामला सामने आया था। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कथित पीड़ित महिला को सबसे पहले जिला एमएमजी अस्पताल भेजा गया। लेकिन महिला ने अपना उपचार कराने वह मेडिकल परीक्षण के लिए साफ तौर पर इंकार कर दिया। उसके बाद चिकित्सकों ने उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज/हायर सेंटर रेफर किया। लेकिन महिला ने अपना उपचार दिल्ली स्थित ज़ीटीबी अस्पताल में कराने की इच्छा जाहिर की तो महिला को जीटीबी अस्पताल में भर्ती किया गया।

4 लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस ने की गहन पूछताछ
कुमार ने बताया कि उधर इस पूरे मामले में कथित पीड़ित महिला के भाई की तरफ से थानानंद ग्राम में 5 लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई। जिसके बाद 4 लोगों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई, तो कई ऐसे तथ्य सामने आए। जिसमें पुलिस को इस पूरे प्रकरण में शक हुआ। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद की पुलिस अधीक्षक अपराध डॉक्टर दीक्षा शर्मा खुद एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुकी हैं। उसके बाद ही वह आईपीएस चयनित हुई। उन्होंने और क्षेत्राधिकारी द्वितीय आलोक दुबे ने जीटीबी अस्पताल पहुंचकर महिला का उपचार कर रही चिकित्सकीय टीम से पूरी जानकारी की।

आजाद के मोबाइल से मिले कई अहम सुराग
उधर पुलिस ने हर एंगल पर जांच शुरू कर दी। पुलिस की जांच में पता चला कि कथित पीड़िता का मित्र आजाद पुत्र तहसील निवासी कबीर नगर थाना वेलकम दिल्ली जोकि अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है। उसी ने महिला के मोबाइल को स्विच ऑफ किया था, जहां पीड़िता मिली है। उसी रास्ते पर मिलने के समय के आस-पास में घूमता रहा। पुलिस ने आजाद के मोबाइल को खंगाला तो पता चला कि आजाद के फोन से जो साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। कि बलात्कार की इस खबर को बढ़ा चढ़ाकर प्रसारित कराया जाए। इतना ही नहीं एक व्यक्ति विशेष को पेटीएम से इसके प्रचार-प्रसार के लिए भी भुगतान के साक्ष्य भी पुलिस को मिल गए हैं। इसके अलावा आजाद के फोन में कूट रचित ढंग से आधार कार्ड बनाए गए।

खुद पीड़िता ने मित्र के साथ मिलकर पूरा षडयंत्र रचा
इस प्रकरण में अलग से एक मुकदमा पंजीकृत करने के भी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। जब उन्हें मुकदमा पंजीकृत कराने के बाद भी कामयाबी नहीं मिल पाई तो आजाद ने अपने मित्र गौरव पुत्र गंगा शरण निवासी निर्मला आश्रम शिवम गार्डन अच्छा थाना बादलपुर गौतम बुध नगर और अफजाल पुत्र इकबाल निवासी इस्लामनगर कैला भट्टा थाना कोतवाली जनपद गाजियाबाद पीड़िता के माध्यम से जमीन के विवाद का समाधान निकालने के लिए षडयंत्र रचा गया। जिसमें बलात्कार का आरोप संपत्ति पर कब्जा करने के लिए किया गया था। आईजी प्रवीण कुमार का कहना है कि इस पूरे मामले में इन तीनों अभियुक्तों के खिलाफ तमाम ऐसे सबूत मिल चुके हैं। फिलहाल तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर महिला के खिलाफ भी मामला दर्ज कर इस पूरे मामले में वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

गौरतलब है कि गाजियाबाद में दिल्ली के निर्भया जैसी दरिंदगी की घटना की गूंज हर जगह पहुंच गई थी। जिससे जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री कार्यालय और डीजीपी दफ्तर से तमाम अधिकारी घटना को लेकर गाजियाबाद के अधिकारियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं