पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन श्रद्धालु हरिद्वार की नारायणी शिला व कुशा घाट पर गंगा स्नान के बाद अपने पितरों का तर्पण करने के लिए आते है। नारायणी शिला पर तर्पण मात्र से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है । पिछले वर्ष 2020 में नारायणी शिला के द्वार दर्शन के लिए भी नही खोले गए थे। परंतु इस वर्ष हरिद्वार नारायणी शिला मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए पूर्ण रूप से खोल दिए गए हैं। कल शाम मन्दिर के गेट पर पितृ विसर्जन अमावस्या मेला स्थगित करने सूचना लगा दी गयी थी। परन्तु प्रातः काल नारायणी शिला के बाहर भारी भीड़ एकत्रित होने लगी । जिसको देख मन्दिर व पुलिस प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करके मन्दिर के द्वार खोल दिये गए।जब मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज कुमार त्रिपाठी से बात हुई तो उन्होंने बताया की सभी श्रद्धालुओं को दर्शन होंगे तथा श्रद्धालु जल और प्रसाद आदि चढ़ा सकते हैं। उसमें कोई किसी प्रकार की रोकटोक नहीं है।उन्होंने कोरोना गाइडलाइन के चलते श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे सभी सुरक्षित रहकर और कोविड नियम का पालन करते हुए मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते है।