हरिद्वार ,उत्तराखंड चार धाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा देश दुनिया से आने वाले तीर्थ श्रद्धालु यात्रियों सीमित संख्या का प्रतिबंध हटाए जाने की मांग को लेकर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने टैक्सी मैक्सी महासंघ के संरक्षक संजय चोपड़ा के संयोजन में पुरानी बड़ी सब्जी मंडी स्थित कार्यालय पर टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन के संस्थापक संयोजक गोपाल प्रधान की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया। बैठक का संचालन मोती बाजार व्यापार मंडल के महामंत्री राजेश खुराना द्वारा किया गया बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज संयुक्त रूप से मांग की उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2024 के दौरान देश दुनिया से आने वाले तीर्थ श्रद्धालु यात्रियों की सीमित संख्या पर किए गए आदेशों को जनहित में वापस लिए जाने न्याय पूर्ण होगा।

इस अवसर पर टैक्सी मैक्सी महासंघ के संरक्षक संजय चोपड़ा ने कहा उत्तराखंड चार धाम यात्रा के दौरान देश दुनिया से आने वाले तीर्थ यात्रियों की सीमित संख्या से ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है जो की न्याय पूर्ण नहीं है उन्होंने कहा कि पहले चार धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालु तीर्थ यात्रियों का पंजीकरण नगर निगम द्वारा किया जाता रहा है नगर निगम की पंजीकरण की व्यवस्था से आने वाले तीर्थ यात्रियों को कोई कठिनाई नहीं होती थी अब पर्यटन विभाग द्वारा की जा रही तीर्थ यात्रियों की पंजीकरण व्यवस्था से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जो की चिंता का विषय है।
टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन के संस्थापक संयोजक गोपाल प्रधान मोती बाजार व्यापार मंडल के महामंत्री राजेश खुराना ने संयुक्त रूप से कहा देश के किसी भी तीर्थ स्थल पर सीमित संख्या का किसी प्रकार का कोई भी प्रतिबंध नहीं है चार धाम यात्रा में सीमित संख्या केआदेेश कोविड 19 के दौरान किए गए थे अब कोविड 19 का प्रभाव संक्रमण काफी हद तक समाप्त हो चुका है इसी के दृष्टिगत चार धाम यात्रा मैं आने वाले सीमित संख्या पर पुन विचार करें सरकार।
उत्तराखंड चार धाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सीमित संख्या को वापस लिए जाने की मांग करते सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों में रामस्वरूप रतूड़ी, पंडित सुनील शर्मा, अवधेश कोटियाल ,श्याम सुंदर राजपूत, राहुल वर्मा, राजेश अरोड़ा, विशाल कुमार ,राजू सिंह ,कुंवर सिंह मंडवाल ,गौरव ,रवि अरोड़ा ,संजय शर्मा आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।