दरअसल नये ठेकेदार के आने से भेल में संविदा कर्मियों के लिए मुसीबत का दौर शुरू हो गया है

25 से 30 साल से काम करने वाले अधिकांश संविदा कर्मचारी रानी , मंजू व अवधेश का कहना है कि 40 साल से जो कागजों की प्रक्रिया चल रही थी उसके तहत सिर्फ 3 साल में एक बार पुलिस वेरिफिकेशन का कागज हमसे मांगा जाता था परंतु अब इतने समय के बाद पढ़ाई के कागज मांगे जा रहे हैं उन्होंने बताया कि एक तारीख से जो नया ठेकेदार आया है वह हमसे हाईस्कूल व इंटर की पढ़ाई के कागज मांग रहा है ।आज से पहले कभी भी कोई कागज हमसे नहीं मांगा गया इसके अलावा ठेकेदार हमारे से दुर्व्यवहार भी करता है और जो अनपढ़ सविंदा कर्मचारी है व 20 से 25 साल से कार्यरत है उनको ठेकेदार द्वारा निकालने या वेतन में कटौती जैसी धमकी दी जा रही है। सविंदा कर्मचारी अवधेश ने बताया कि ठेकेदार द्वारा गलत कागजों पर हमसे साइन करवाया जा रहा है तथा सभी भुगतान होने की बात भी कागजों में लिखी हुई है उनसे 10 उंगलियों के निशान लिए जा रहे हैं तथा कई सालों से काम करने वाले लोगों को निकाल कर अपने हिसाब से लोग भर्ती किए जा रहे हैं ठेकेदार की मनमानी के आगे भेल मैनेजमेंट की भी नहीं चल रही है जिससे करीब 500 लोगों का भविष्य अंधकार में हो गया है। इस बार का टेंडर जिस कम्पनी के ठेकेदार को मिला है वह अपनी 15 से 20 पेज की एक फाइल बनाकर नियमों व शर्तों में तहत ही सविंदा कर्मचारियों को काम करने की अनुमति दे रहा है, कुछ कर्मचारियों ने दवाब में आकर हस्ताक्षर कर भी दिए हैं पर वह नए ठेकेदार के व्यवहार और उसकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट नही नजर आ रहे हैं।क्योंकि जिस कागज पर हस्ताक्षर करने है उनमें नियम के तहत मेरे अभी भुगतान कर दिए गए हैं और त्यागपत्र देने जैसी प्रमुख बाते लिखी गई है जिसके कारण सभी सविंदा कर्मचारियों ने आज भेल मुख्य चिकित्सालय पर धरना प्रदर्शन किया।धरना प्रदर्शन में शक्ति सिंह,सचिन,अवधेश,विजय,जोनी,मिलन,सुनील मंगोलिया,अरुण शर्मा,सुनील,नरेंद्र,लोकेश,अनमोल बिरला आदि कर्मचारी भी मौजूद थे।