भाजपा पार्षदों ने रुड़की के मेयर गौरव गोयल पर उनके कार्यकाल के दौरान कमीशन खोरी और शहर की अनदेखी के लगाए आरोप

पार्षदों ने किया प्रचार और फर्जी ऑडिट रिपोर्ट का खुलासा

पार्षदों ने कहा नौकर वाले शारीरिक शोषण मामले की भी हो जांच

रुड़की  ।भाजपा के पार्षदों ने पत्रकार वार्ता के दौरान रुड़की के मेयर गौरव गोयल पर उनके कार्यकाल के दौरान कमीशन खोरी और शहर की अनदेखी के आरोप लगाए हैं।
पत्रकार वार्ता में मौजूद भाजपा पार्षदों ने कहा कि मेयर गौरव गोयल का फर्जी TRP का भडाफोड़ हो चुका है।
पार्षदों ने कहा कि मेयर गौरव गोयल का सोशल मीडिया और लोकल न्यज़ू पोर्टल के माध्यम से किसी भी तरह का दुष्प्रचार किया जाना या अपने पक्ष में बयान बाजी करवाना लिखवाना कोई नई बात नहीं है उन्होंनेऐसे
ही धोखेबाजी करके पहलेभी जनता को भ्रमित किया और निर्दलीय चुनाव जीत गए इसीलिए संभवत:
वह पहले जनप्रतिनिधि हैं जो अपनेलिए टीआरपी/TRP शब्द का इस्तेमाल करते है ।
पार्षदों का कहना था कि मेयर गौरव गोयल ने तीन सालों में केवल अपने कमीशनखोरी और घुसखोरी के
अलावा रुड़की शहर के विकास के लिए कुछ नही किया । मेयर की कुर्सी पर बैठते ही मेयर गौरव गोयल के पास शहर के विकास का कोई भी मॉडल नहीं था
ना ही उन्होंने कभी पार्षदों के साथ बैठकर इस विषय पर कोई चर्चा करनी उचित समझा यहां तक कि
नगर निगम एक्ट में जो हर 2 महीने में बैठके कराने का प्रावधान था मेयर ने केवल पूरे साल में एक बार बैठक
कराई जिसका उद्देश्य केवल निगम के बजट को पास करना था ताकि सालभर उस पास कराए गए बजट
के आधार पर भुगतान होने वाली फाइलों पर अपना मोटा कमीशन ले सकें।
यहां तक कि बीजेपी मेंशामिल होनेके बाद भी कभी भी उनके द्वारा शहर के विकास के लिए एक भी
परियोजना/ प्रोजेक्ट के लिए न तो सरकार सेकोई मांग की गई और ना ही इसके लिए कोई प्रयास किए
गए। हां प्रशासक काल मेंऔर उसके बाद बीजेपी के विधायक प्रदीप बत्रा और देशराज
कर्नवाल द्वारा जो भी मुख्यमंत्री घोषणाएं शहर के विकास जल निकासी व्यवस्था या सौंदर्यीकरण के
लिए करवाई गई उन सभी कामों में अड़ंगे लगाने और विधायकों को अपमानित करनेका काम जरूर किया ।
पार्षदों ने आरोप लगाया कि एक ओर बीजेपी के अन्य मेयर शासन प्रशासन के चक्कर
अपनेशहर के लिए विभिन्न योजनाएं पास करवानेअतिरिक्त बजट लानेके लिए लगाते थे वहीं मेयर
गौरव गोयल केवल अधिकारियों की शिकायत करनेके लिए, उनका स्थानांतरण करानेके लिए या फिर
देहरादनू से निदेशालय स्तर से निकाले जाने वाली जीआईएस मपिै गं के या एडीबी के पानी कनेक्शन देने
वाले टेंडरों मेंअपनी भमिू का और कमीशन तय करवानेके लिए चक्कर लगाते रहते थे। जो अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक है ।
पार्षदों का कहना है कि हाल ही में मेयर गौरव गोयल द्वारा अपने ऊपर अपने नौकर की पत्नी द्वारा लगाए गए छेड़खानी
एवं शारीरिक शोषण और मारपीट के मुकदमे में पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण उस पर अतिंम रिपोर्ट लगाए जाने और मुकदमा खारिज हो जाने के बारे मेंअत्यधिक प्रचार प्रसार किया जा रहा है लेकिन वहीं
दूसरी ओर जो मेयर गौरव गोयल के भाई राजीव और उनकी पत्नी शालिनी गोयल द्वारा नीरज अग्रवाल
के ऊपर छेड़खानी, शारीरिक शोषण और मार पिटाई जैसे गंभीर आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवाया गया
था। क्या वो मुकदमा भी साक्ष्यों के अभाव में या न्यायालय में पैरवी न हो पानेका कारण खारिज हो
जायेगा। पार्षदों ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ऐसे मेयर साहब की घर की इज्जत पर हाथ डालनेवाला बक्शा जायेगा या मेयर साहब जो
शहर के प्रथम नागरिक हैं वो एक नौकर द्वारा उनकी पत्नी के साथ होने वाले इतने घिनौने अपराध की
सजा दिलवाने मेंअपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।

*प्रचार और फर्जी ऑडिट रिपोर्ट का खुलासा*

भाजपा पार्षदों ने वार्ता करते हुए यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम के महापौर गौरव गोयल द्वारा निगम में प्रशासक अवधि में या 2020- 21
एवं 21- 22 में हुए कार्यों के ऑडिट रिपोर्ट को लेकर भी एक नया प्रचार प्रसार जोर-शोर के साथ किया जा रहा है जैसे न जाने कितने करोड़ों रुपए किसी की जेब में चलेगए या करोड़ों रुपए का घोटाला हो गया।
उन्होंने कहा कि जबकि सच्चाई यह है कि स्थानीय ऑडिट एक सामान्य प्रक्रिया हैजो हर साल सभी विभागों में
ऑडिट निदेशालय द्वारा कराई जाती हैऔर फाइलों में रखरखाव की दृष्टि से सुधार के दृष्टिकोण से जो कागज लगाए जाने छूट गए होते हैं या कोई प्रक्रियागत कमी रह जाती है उन छूटे हुए कागजों के कारण
या प्रक्रिया में हुई कोई त्रटिु के सुधार के लिए अपने सुझाव और निर्देश जारी करतेहै।
पार्षदों का कहना था कि वर्तमान में आई ऑडिट रिपोर्ट जो कि 31
मार्च 2023 को जारी हुई बताई जा रही है उसमें पाई गई त्रटिुयों और कमियों को पूरा करने के लिए 30दिन का समय दिया गया है जो कि 30 अप्रलै को पूरा हो रहा है और हर बार की तरह नगर निगम
प्रशासन उनके जवाब भी अपलोड कर देगा जिससे वह त्रटिुया सुधार हो जाएंगे। ऐसे में जिस ऑडिट
रिपोर्ट में दस्तावेज पूरे करवाने और स्थितियां स्पष्ट करवानेके लिए समय दिया गया हो उसे अतिंम
रिपोर्ट के रूप में प्रचारित प्रसारित करना मेयर गौरव गोयल द्वारा केवल अपने ऊपर सिद्ध हुए भ्रष्टाचार
के आरोपों और उनके विरुद्ध न्यायालय में पद से बर्खास्तगी को लेकर चल रहे मुकदमे और
शासन द्वारा कराई गई जांच में उनके दोषी होने की खबरों से जनता का ध्यान भटकानेके लिए ऑडिट
की सामान्य प्रक्रिया को भी अपने टीआरपी वाले हथकंडे के लिए दरुुपयोग किया जा रहा है।
पत्रकार वार्ता में पार्षद कुलदीप तोमर, प्रमोद पाल ,राकेश गर्ग, धीरज पाल ,राखी शर्मा ,विवेक चौधरी, धीरज सिंह ,अमित प्रजापति ,चारू चंद्र ,मांगेराम, जेपी शर्मा ,दया शर्मा, संजय कश्यप ,संजीव तोमर ,हरीश शर्मा, नीतू शर्मा ,मीनाक्षी तोमर स्वाति चौधरी आदि मौजूद थे